कल एक पुराने दोस्त से कुछ मांग डाला
सोचा नहीं, बस कह डाला
बदले में उसने अपनी पसंद ना-पसंद पर
एक टिपण्णी दे डाली
कुछ पल लगे समझने में
आजकल दोस्तों से माँगना भी
फ़िल्टर लगा के करना पड़ता है
वहीं एक लम्बे सफर की मौत हुई
वहीं उसे दफना कर मैं फिर चल दी
अब शायद कभी ना मांग सकूंगी